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Madhykalin Bharat Ka Itihas
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Adhunik Bharat Ka Itihas
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भारत का सम्पूर्ण इतिहास | Bharat ka Itihas
About Lesson

third anglo maratha war | third & 4th anglo maratha war

आंग्ल-मराठा युद्ध – III (1804-06 ई०)

  • लॉर्ड वेलेस्ली के सामने मराठा संघ की शक्तियों में तीन पेशवा, सिंधिया एवं भोंसले तो नतमस्तक हो गए परंतु होल्कर अभी शेष था
  • होल्कर उन दिनों अंग्रेजों के मित्र राज्य जयपुर में लूट-मार मचा रहा था।
  • वेलेस्ली ने जयपुर की ओर से 1804 में होल्कर पर आक्रमण कर दिया।
  • डीग नामक स्थान पर अंग्रेज व होल्कर की सेनाओं के मध्य संघर्ष हुआ परंतु, निर्णय कुछ नहीं निकला। परंतु, युद्ध में होल्कर को अपार क्षति उठानी पड़ी।
  • होल्कर तत्पश्चात, फर्रुखाबाद सहित कई स्थानों पर हुए मुठभेड़ में बुरी तरह परास्त हो गया, तथा भागकर भरतपुर के जाट राज्य में शरण लिया।
  • लॉर्ड वेलेस्ली लाख प्रयासों के बावजूद भरतपुर को जीत नहीं सका।
  • 7 जनवरी, 1806 ई० को होल्कर के साथ राजपुरघाट की संधि हुई जिसमें अंग्रेजों का दावा चंबल नदी के उत्तर एवं होल्कर का दावा चंबल के दक्षिण के क्षेत्रों पर स्थापित हो गया।

आंग्ल-मराठा युद्ध-IV (1813-23 ई०)

  • अंग्रेजों एवं मराठों को अंतिम टक्कर लॉर्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल में 1817-18 में हुई। इस युद्ध के परिणाम बड़े ही विनाशकारी निकले तथा मराठा संघ समाप्त हो गया
  • भोंसले सरदार अप्पा साहिब ने अंग्रेजों से नागपुर की संधि की तथा नागपुर अंग्रेजों को सौप दिया।
  • अप्पा साहिब ने पुनः संघर्ष किया परंतु वह सीताबर्डी के युद्ध में नवंबर, 1817 में पराजित हुआ।
  • पेशवा भी 21 दिसंबर, 1817 को महीदपुर में परास्त हो गया। इस युद्ध में होल्कर ने भी पेशवा का साथ दिया था परंतु, उसे भी पराजित होना पड़ा। पेशवा ने पूर्णरूपेण हथियार डाल दिया।
  • जनवरी 1818 ई० में होल्कर ने मंदसौर में सहायक संधि स्वीकार कर ली।
  • अब पूना का ब्रिटिश राज में विलय कर लिया एवं संपूर्ण महाराष्ट्र कंपनी के प्रभुत्व में आ गया।

 

 

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