Course Content
Madhykalin Bharat Ka Itihas
0/40
Adhunik Bharat Ka Itihas
0/33
भारत का सम्पूर्ण इतिहास | Bharat ka Itihas
About Lesson

सूफी आंदोलन (Sufi Movement)

सूफियों ने ईश्‍वर को सर्वोच्‍च सुंदर माना है और ऐसा माना जाता है कि सभी को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए, उसकी याद में खुशी महसूस करनी चाहिए और केवल उसी पर ध्‍यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्‍होंने विश्‍वास किया कि ईश्‍वर ”माशूक” और सूफी ”आशिक” हैं।

सूफीवाद ने स्‍वयं को विभिन्‍न ‘सिलसिलों’ या क्रमों में बांटा। सर्वाधिक चार लोकप्रिय वर्ग हैं चिश्‍ती, सुहारावार्डिस, कादिरियाह और नक्‍शबंदी।

सूफीवाद इस्‍लाम धर्म के अंदरुनी या गूढ़ पक्ष को या मुस्लिम धर्म के रहस्‍यमयी आयाम का प्रतिनिधित्‍व करता है। जबकि, सूफी संतों ने सभी धार्मिक और सामुदायिक भेदभावों से आगे बढ़कर विशाल पर मानवता के हित को प्रोत्‍साहन देने के लिए कार्य किया। सूफी सन्‍त दार्शनिकों का एक ऐसा वर्ग था जो अपनी धार्मिक विचारधारा के लिए उल्‍लेखनीय रहा।

सूफीवाद का सबसे महत्‍वपूर्ण योगदान यह है कि उन्‍होंने अपनी प्रेम की भावना को विकसित कर हिन्‍दू – मुस्लिम पूर्वाग्रहों के भेद मिटाने में सहायता दी और इन दोनों धार्मिक समुदायों के बीच भाईचारे की भावना उपत्‍न्‍न की।

प्रमुख तथ्य

    • सूफीवाद का आरंभ हिजरी संवत् की दूसरी एवं 8वीं शताब्दी के बीच खुरासन (मध्य एशिया) में हुआ। 
    • महमूद गजनी के आक्रमणों के साथ 11वीं शताब्दी में सूफीवाद का भारत में प्रवेश हुआ।
  • सूफीवाद के तहत भारत में चिश्ती एवं सुहरावर्दी सिलसिलों ने काफी जड़ जमाया।
  • चिश्ती परंपरा की शुरूआत 1192 ई० में मुहम्मद गोरी के साथ भारत आए ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती द्वारा की गई। 
  • अजमेर चिश्ती परम्परा का प्रमुख केंद्र था तथा निजामुद्दीन औलिया, बाबा फरीद, बख्तियार काकी एवं शेख बुरहानुद्दीन गरीब इस परम्परा के अन्य प्रमुख संत थे। 
  • बाबा फरीद की रचनाओं को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।
  • शेख बुरहानुद्दीन गरीब ने दक्षिण भारत में चिश्ती संप्रदाय की शुरुआत की और दौलताबाद को अपना प्रमुख केंद्र बनाया।
  • शेख शिहाबुद्दीन उमर सुहरावर्दी ने सुहरावर्दी सिलसिला का प्रतिपादन किया। 
  • परंतु, 1265 ई० से व्यापक तौर पर सुहरावर्दी सिलसिला के संचालन का श्रेय शेख बहाउद्दीन जकारिया को प्राप्त है। उन्होंने सिंध एवं मुल्तान में अपना मुख्य केंद्र बनाया। 
  • सुहरावर्दी सिलसिला के अन्य संतों में जलालुद्दीन तबरीजी, सैय्यद सुर्ख जोश एवं बुरहान आदि है।
  • सुहरावर्दी सिलसिला को राजकीय संरक्षण स्वीकार्य थे। 
  • सत्तारी सिलसिला की स्थापना शेख अब्दुल्ला सत्तारी ने की। इसका मुख्य केंद्र बिहार था।
  • भारत में कादिरी सिलसिला की स्थापना मुहम्मद गौस ने की, जबकि इसके मूल प्रवर्तक सैय्यद अबुल कादिर अल जिलानी थे। 
  • ख्वाजा बाकी बिल्लाह के शिष्य शेख अहमद सरहिंदी (अकबर के समकालीन) ने भारत में नक्शबंदी सिलसिला का प्रचार किया जबकि इसके मूल संस्थापक ख्वाजा ओबेदुल्ला थे। 
  • बिहार में सुहरावर्दी सिलसिला के फिरदौसी शाखा का विकास हुआ जिसके महानतम संत सर्फ़द्दीन मनेरी थे।
 
 
 
error: Content is protected !!