Course Content
Madhykalin Bharat Ka Itihas
0/40
Adhunik Bharat Ka Itihas
0/33
भारत का सम्पूर्ण इतिहास | Bharat ka Itihas
About Lesson

स्वतंत्र प्रांतीय राज्य (INDEPENDENT PROVINCIAL STATES)

बंगाल 

    • ग्याशुद्दीन तुगलक ने बंगाल को तीन भागों लखनौती (उत्तर बंगाल), सोनारगाँव (पूर्वी बंगाल) तथा सतगाँव (दक्षिण बंगाल) में विभाजित कर दिया।
    • परंतु, शम्सुद्दीन इलियास शाह ( हाजी इलियास) ने 1350 ई० में बंगाल को एकीकृत कर स्वयं को वहाँ का स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया। 
    • बंगाल के प्रमुख स्वतंत्र शासक सिकंदर शाह (1357-93 ई०), गयासुद्दीन आजम (1393-1409 ई०), इस्लाम शाह एवं उसके वंशज (1442-87 ई०), हुसैन शाह (1493-1517 ई०) तथा नुसरत शाह (1518-1532 ई०) आदि थे।
  •  हाजी इलियास के पुत्र सिकंदर शाह का शासन अच्छा माना जाता है, उसने अपने कार्यकाल में पंडुवा (बंगाल की तत्कालीन राजधानी) में अदीना मस्जिद का निर्माण कराया।
  • अलाउद्दीन हुसैन शाह द्वारा सत्यवीर नामक आंदोलन चलाया गया। 
  • अलाउद्दीन हुसैन शाह ने बंगाल पर हुसैनशाही वंश के शासन की स्थापना की। 
  • अलाउद्दीन हुसैन शाह ने गौर में बड़ा सोना तथा कदम्ब रसुल मस्जिदों का निर्माण कराया।
  • मूलाधर बसु की प्रसिद्ध साहित्यिक कृति श्री कृष्ण विजय की रचना करने के लिए अलाउद्दीन हुसैन शाह द्वारा गुणराज खान की उपाधि से सम्मानित किया गया। 
  • बंगाल में हुसैनशाही वंश का अंतिम शासक ग्याशुद्दीन महमूद शाह था।

जौनपुर 

    • फिरोज तुगलक ने अपने भाई जौना खाँ की स्मृति में जौनपुर की स्थापना की। 
    • जौनपुर के प्रांतपति ख्वाजा जहाँ (मलिक सरवर) ने जौनपुर को स्वतंत्र घोषित कर दिया।
    • दिल्ली के सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद ने ख्वाजा जहाँ को मलिक-उल-शर्क (पूर्वी प्रदेशों का मालिक) की उपाधि प्रदान की थी। इसके कारण उसका राजवंश शर्की वंश कहलाया। 
  • ख्वाजा जहाँ ने अतावक-ए-आजम की उपाधि धारण की।
  • जौनपुर के अन्य शासकों में मुबारक शाह (1399-1402 ई०),शम्सुद्दीन इब्राहिम शाह (14021436), महमूद शाह (1436-51 ई०) और हुसैन शाह (1458-1500 ई०) आदि प्रमुख थे।
  • जौनपुर का राज्य 75 वर्षों के बाद बहलोल लोधी द्वारा दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया।
  • शर्की वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक शम्सुद्दीन इब्राहिम शाह हुआ। अपने सांस्कृतिक उत्थान के कारण इब्राहिम शाह के काल में जौनपुर को भारत का सीराज कहा जाता था। 
  • इब्राहिम शाह ने 1408 ई० में अटाला मस्जिद (जौनपुर) का निर्माण करवाया। 
  • अटाला मस्जिद कन्नौज के शासक विजय चंद द्वारा निर्मित ‘अटालादेवी’ के मंदिर को तोड़कर बनायी गयी थी। 
  • शर्की वंश के हुसैन शाह ने 1470 ई० में जामी मस्जिद का निर्माण करवाया। 
  • इब्राहिम शाह शर्की ने झंझरी मस्जिद (1430 ई०) एवं मुहम्मद शाह ने लाल दरवाजा मस्जिद (1450) में बनवाया। 

मालवा

    • मालवा के सूबेदार दिलावर खाँ गोरी ने तैमूर के आक्रमण के पश्चात 1398 ई० में सुल्तान की दुर्बलता का लाभ उठाकर मालवा में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना कर ली।
    • दिलावर खाँ ने धार की लाट मस्जिद का निर्माण कराया। 
    • दिलावर खाँ के पुत्र होशंग शाह ने उसे विष देकर मार दिया। 
    • होशंग शाह ने जो 1406 ई० में गद्दी पर बैठा, राजधानी धार से मांडु स्थानांतरित की।
    • होशंग शाह ने नर्मदा तट पर होशंगाबाद नामक नगर की स्थापना की।
    • गोरी वंश के अंतिम शासक गाजी खाँ की हत्या कर महमूद खिलजी ने मालवा पर खिलजी वंश के शासन की स्थापना की।
    • मेवाड़ के राणा कुंभा ने महमूद खिलजी को युद्ध में परास्त कर चित्तौड़ में कैद कर लिया। 
    • राणा कुंभा ने उपर्युक्त विजय की स्मृति में चित्तौड़ के प्रसिद्ध विजय स्तंभ का निर्माण करवाया।
    • गुजरात के शासक बहादुर शाह ने खलजी वंश के अंतिम शासक महमूद-II (1436-96 ई०) की सपरिवार हत्या कर मालवा को अपने राज्य में मिला लिया। 
    • हुशंग शाह ने मांडू के किले का निर्माण करवाया जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिल्ली दरवाजा है।
    • भारत के किला नगरों में मांडू सर्वोत्कृष्ट है। 
    • सुल्तान नासिरुद्दीन शाह ने बाज बहादुर एवं रानी रूपमती के महल का निर्माण कराया। 
  • हुशंग शाह ने हिंडोला भवन (दरबार हॉल) का निर्माण करवाया। 
  • ग्याशुद्दीन खिलजी ने मांडू में जहाजमहल का निर्माण करवाया। 
  • फतेहाबाद नामक स्थान पर महमूद खिलजी ने कुश्क महल का निर्माण कराया।

कश्मीर 

    • शाह मीर ने 1339-40 ई० में कश्मीर में प्रथम मुस्लिम वंश की स्थापना की। उसने शम्सुद्दीन शाह मीर के नाम से अपना सिंहासनारोहण किया। 
    • शम्सुद्दीन ने इन्द्रकोट को राजधानी बनाया, जिसे बाद के शासक अलाउद्दीन ने श्रीनगर (अलाउद्दीनपुर) में स्थानांतरित करवाया। 
    • हिंदू मंदिरों एवं मूर्तियों को तोड़ने वाले सुल्तान सिकंदर को बुतशिकन की संज्ञा दी गई। 
    • 1420 ई० में जैन-ऊल-आबदीन सिंहासन पर बैठा। वह महान साहित्य-प्रेमी था। उसने महाभारत एवं राजतरंगिणी का अनुवाद करवाया। 
    • उसकी धार्मिक सहिष्णुता के कारण जैन-ऊल-आबदीन को कश्मीर का अकबर की उपाधि मिली।
  • 1588 ई० में अकबर द्वारा कश्मीर को मुगल-साम्राज्य में मिला लिया गया।

गुजरात 

    • 1297 ई० में अलाउद्दीन खलजी द्वारा सर्वप्रथम गुजरात पर मुस्लिम शासन की शुरुआत की गई। 
    • तैमूर के आक्रमण के बाद 1396 ई० में गुजरात के तत्कालीन प्रांतपति जफर खाँ (1396-1403ई०) ने दिल्ली सल्तनत से संबंध विच्छेद कर लिया एवं 1401 ई० में उसने गुजरात के स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। 
    • गुजरात का पहला स्वतंत्र सुल्तान मुजफ्फर शाह (1403-11 ई०) हुआ। इसके बाद अहमद शाह (1411-52 ई०, महमूद शाह बेगड़ा (1511-1558 ई०) एवं बहादुर शाह (1526-37 ई०)।
    • गुजरात के सुल्तान अहमदशाह ने कर्णावती के पुराने शहर के स्थान पर साबरमती नदी के बायें तट पर अपने नाम से अहमदाबाद नगर की स्थापना की तथा उसे राजधानी बनाया। 
    • महमूद शाह बेगड़ा (1511-58 ई०) गुजरात के महानतम शासकों में एक था। उसने गुजरात समुद्रतट से पुर्तगालियों को भगाने के लिए मिस्त्र तथा कालीकट के शासकों से संधि की! 
    • 1507 ई० में ड्यू द्वीप के पास हुए सामुद्रिक युद्ध में महमूद बेगड़ा ने पुर्तगालियों को पराजित किया | परंतु, 1509 में वह पुर्तगालियों से हार गया।
  • 1537 ई० में गुजरात के तत्कालीन शासक बहादुर शाह की मृत्यु के पश्चात् वहाँ अराजकता फैला गयी। 
  • 1572 ई० में मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात पर आक्रमण कर उसे अपने साम्राज्य में मिला लिया। 

सिन्ध 

    • 1010 ई० में महमूद गजनी ने सिंध पर अधिकार कर लिया एवं यहाँ उसका शासन 50 वर्षों तक रहा।
    • इसके बाद शक्तिशाली सुमेर राजपूतों ने लगभग तीन शताब्दी तक सिंध पर शासन किया।
    • 1210 ई० में सिंध पर नासिरुद्दीन कुबाचा ने अधिकार कर लिया।
    • सल्तनत शासकों में मुहम्मद-बिन-तुगलक ने सिर्फ सिंध को जीता तथा फिरोज तुगलक ने भी सिंध में थट्टा के जमा शाह को परास्त कर दिया था।
    • 1351 ई० में सिंध पर सम्भार राजपूतों का आधिपत्य हो गया। इस वंश के शासकों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया तथा इन्हें अब जाम कहा जाने लगा।
      कांधार के अगुन जाति के शासकों (प्रसिद्ध मंगोल नेता चंगेज खाँ के वंशज) ने वहाँ के ‘जाम’ शासकों को परास्त कर अपना शासन कायम किया। 

राजस्थान 

    • राजस्थान में मध्यकाल में तीन प्रमुख राज्य मेवाड़, मारवाड़ एवं आमेर थे। 
    • मेवाड़ उस काल में सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था एवं इसकी राजधानी चित्तौड़ थी। 
    • चित्तौड़ पर ‘छठी’ एवं ‘7वीं शताब्दी से सिसोदिया-गुहिलोत वंश (राजपूतों की एक शाखा) का शासन स्थापित था। 
    • दिल्ली के सुल्तानों में सर्वप्रथम अलाउद्दीन खिलजी ने 1308 ई० में चित्तौड़ पर आक्रमण कर उसे जीत लिया। युद्ध में चित्तौड़ का शासक राणा रतन सिंह मारा गया। 
    • अलाउद्दीन रतन सिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करना चाहता था। परंतु, पद्मिनी ने अन्य रमणियों के साथ जौहर व्रत (सती होना) धारण किया एवं अलाउद्दीन को सिर्फ उसके राख से संतोष करना पड़ा। 
    • अलाउद्दीन की मृत्यु के पश्चात रतन सिंह के पुत्र हम्मीर ने पुनः चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया। उसने 38 वर्ष तक शासन किया। 
    • मेवाड़ के अन्य प्रसिद्ध शासक राणा कुंभा (1433-68 ई०) एवं राणा सांगा (1509-28 ई०) थे।
  • राणा कुंभा ने मेवाड़ में 22 दुर्गों का निर्माण करवाया, जिसमें कुम्भलगढ़ का दुर्ग विशेष रूप से उल्लेखनीय है। मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक ‘राणा सांगा’ को बाबर ने 1527 ई० में खनवा की लड़ाई में परास्त कर दिया। 
  • अकबर ने मेवाड़ के अन्य प्रसिद्ध शासक राणा प्रताप को 1576 ई० में हल्दी घाटी के युद्ध में पराजित कर दिया। 
  • जहाँगीर के शासन काल में मेवाड़ मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। 
  • मारवाड़ में राठौर राजपूतों का शासन था।
  • मारवाड़ के शासकों जोधा ने जोधपुर एवं बिक्का ने बिकानेर शहरों की स्थापना की। जोधा ने जोधपुर को अपनी राजधानी बनाया। उसने नन्दौर के प्रसिद्ध दुर्ग का निर्माण कराया।
  • मारवाड़ का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक मालदेव (1532-62 ई०) था, उसने शेरशाह को मारवार जीतने नहीं दिया था। 
  • आमेर राज्य की स्थापना 10वीं-11वीं सदी में ही हुई परंतु, इसका राजनीतिक महत्व 14वीं सदी में स्थापित हुआ।
  • आमेर नरेश भारमल ने 1561 ई० में मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली।

खान देश 

  • मालवा एवं विंध्याचल पर्वत के दक्षिण में ताप्ती नदी की घाटी में खानदेश का प्रदेश है। 
  • खान देश पर काफी अरसे तक दिल्ली के सुल्तान का आधिपत्य रहा। 
  • फिरोज तुगलक के शासनकाल में खान देश के प्रांतपति मलिक फारुखी ने दिल्ली से दूरी का लाभ उठाकर इसे स्वतंत्र घोषित कर दिया। 
  • मलिक फारुखी ने मालवा से वैवाहिक संबंध स्थापति कर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली। उसके नाम पर उसके वंश का नाम फारुखी वंश पड़ा। 
  • बाद के शासकों में मल्लिक नासिर (1399-1438 ई०) एवं आदिल शाह (1457-1503 ई०) आदि प्रमुख थे। आदिल शाह ने बुरहानपुर को अपनी राजधानी बनाया। 
  • 1601 ई० में अकबर ने खानदेश को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

 

 

 

error: Content is protected !!