Complete Information on SC ST act in Hindi
Table of Contents
SC/ST Act in Hindi
क्या है क़ानून – तथा क्या हैं इस कानून की विशेषताएँ |
- यह कानून एस.सी., एस.टी. वर्ग के सम्मान, स्वाभिमान, उत्थान एवं उनके हितों की रक्षा के लिए भारतीय संविधान में किये गये विभिन्न प्रावधानों के अलावा इन जातीयों के लोगों पर होने वालें अत्याचार को रोकनें के लिए 16 अगस्त 1989 को उपर्युक्त अधिनियम लागू किये गये।
- इस अधिनिमय के अन्तर्गत आने वालें अपराध संज्ञेय गैरजमानती और असुलहनीय होते हैं। यह अधिनियम 30 जनवरी 1990 से भारत में लागू हो गया।
- यह क़ानून अनुसूचित जातियों और जनजातियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ़ अपराधों को दंडित करता है तथा पीड़ितों को विशेष सुरक्षा और अधिकार देता है यह अदालतों को स्थापित करता है, जिससे मामले तेज़ी से निपट सकें |
इस क़ानून के तहत किस प्रकार के अपराध दण्डित किये जाते हैं ?
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के विरुद्ध होने वाले क्रूर और अपमानजनक अपराध, जैसे उन्हें जबरन अखाद्य पदार्थ (मल, मूत्र इत्यादि) खिलाना या उनका सामाजिक बहिष्कार करना, को इस क़ानून के तहत अपराध माना गया है इस अधिनियम में ऐसे 20 से अधिक कृत्य अपराध की श्रेणी में शामिल किए गए हैं |
SC/ST Act किस व्यक्ति पर लागू होता है ? |
- यह अधिनियम उस व्यक्ति पर लागू होता हैं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं हैं और इस वर्ग के सदस्यों पर अत्याचार का अपराध करता है़।
क्या है दंड यदि एक सरकारी अधिकारी ऐसा करे तो ?
- यदि कोई सरकारी अधिकारी (जो कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है) , अभिप्रायपूर्वक/जानबूझकर इस अधिनियम के तहत दिए गए कर्तव्यों का पालन नहीं करता है तो उसे 6 महीने से 1 साल तक के कारावास की सज़ा दी जा सकती है। हालाँकि एक अधिकारी पर केस तभी किया जा सकता है जब मामले की जाँच हो चुकी हो, और जाँच की रिपोर्ट में यह रास्ता सुझाया गया हो।
क्या हैं सरकारी अधिकारी के कर्तव्य | SC/ST
- FIR/शिकायत दर्ज करना
- हस्ताक्षर लेने से पहले पुलिस थाने में दिए गए बयान को पढ़ कर सुनाना;
- जानकारी देने वाले व्यक्ति को बयान की प्रतियाँ देना;
- पीड़ित या गवाह का बयान रिकॉर्ड/ दर्ज़ करना;
- FIR दर्ज़ करने के ६० दिन के अन्दर अपराध की जाँच करना और चार्जशीट/ आरोप पत्र पेश करना;
- दस्तावेज़ तैयार करना और दस्तावेज़ों का सटीक अनुवाद करना I
संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत sc st act रखा गया है ?
- भारतीय संविधान की अनुच्छेद 17 के आलोक में यह विधान पारित किया। इस अधिनियम में छुआछूत संबंधी अपराधों के विरूद्ध दण्ड में वृद्धि की गई हैं तथा दलितों पर अत्याचार के विरूद्ध कठोर दंड का प्रावधान किया गया हैं।
इसके तहत क्या अपराध की श्रेणी में आता है ?
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को जबरन अखाद्य या घृणाजनक (मल मूत्र इत्यादि) पदार्थ खिलाना या पिलाना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को शारीरिक चोट पहुंचाना या उनके घर के आस-पास या परिवार में उन्हें अपमानित करने या क्षुब्ध करने की नीयत से कूड़ा-करकट, मल या मृत पशु का शव फेंक देना।
a. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के शरीर से बलपूर्वक कपड़ा उतारना या उसे नंगा करके या उसके चेहरें पर पेंट पोत कर सार्वजनिक रूप में घुमाना या इसी प्रकार का कोई ऐसा कार्य करना जो मानव के सम्मान के विरूद्ध हो।
a. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के भूमि पर से गैर कानूनी-ढंग से खेती काट लेना, खेती जोत लेना या उस भूमि पर कब्जा कर लेना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को गैर कानूनी-ढंग से उनकें भूमि से बेदखल कर देना (कब्जा कर लेना) या उनके अधिकार क्षेत्र की सम्पत्ति के उपभोग में हस्तक्षेप करना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्य को भीख मांगनें के लिए मजबूर करना या उन्हें बुंधुआ मजदूर के रूप में रहने को विवश करना या फुसलाना।
a. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्य को वोट (मतदान) नहीं देने देना या किसी खास उम्मीदवार को मतदान के लियें मजबूर करना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के विरूद्ध झूठा, परेशान करने की नीयत से इसे पूर्ण अपराधिक या अन्य कानूनी आरोप लगा कर फंसाना या कारवाई करना।
किसी लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी/ अधिकारी) को कोई झूठा या तुच्छ सूचना अथवा जानकारी देना और उसके विरूद्ध अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को क्षति पहुंचाने या क्षुब्ध करने के लियें ऐसें लोक सेवक उसकी विधि पूर्ण शक्ति का प्रयोग करना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को जानबूझकर जनता की नजर में जलील कर अपमानित करना, डराना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी महिला सदस्य को अनादार करना या उन्हें अपमानित करने की नीयत से शील भंग करने के लिए बल का प्रयोग करना।
a अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी महिला का उसके इच्छा के विरूद्ध या बलपूर्वक यौन शोषण करना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों द्वारा उपयोग में लायें जाने वालें जलाशय या जल स्त्रोतों का गंदा कर देना अथवा अनुपयोगी बना देना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को किसी सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोकना, रूढ़ीजन्य अधिकारों से वंचित करना या ऐसे स्थान पर जानें से रोकना जहां वह जा सकता हैं।
a. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को अपना मकान अथवा निवास स्थान छोड़नें पर मजबूर करना या करवाना।
क्या क्या सजा हो सकती है ? | SC ST Act in Hindi
- अत्याचार के अपराधों के लियें दोषी व्यक्ति को छः माह से पाँच साल तक की सजा, अर्थदण्ड (फाइन) के साथ प्रावधान हैं।
- क्रूरतापूर्ण हत्या के अपराध के लिए मृत्युदण्ड की सजा हैं।
- यदि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के खिलाफ झूठा गवाही देता है या गढ़ता हैं जिसका आशय किसी ऐसे अपराध में फँसाना हैं जिसकी सजा मृत्युदंड या आजीवन कारावास जुर्मानें सहित है। और इस झूठें गढ़ें हुयें गवाही के कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्य को फाँसी की सजा दी जाती हैं तो ऐसी झूठी गवाही देने वालें मृत्युदंड के भागी होंगें।
- यदि वह मिथ्या साक्ष्य के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को किसी ऐसे अपराध के लियें दोष सिद्ध कराता हैं जिसमें सजा सात वर्ष या उससें अधिक है तो वह जुर्माना सहित सात वर्ष की सजा से दण्डनीय होगा।
- आग अथवा किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा किसी ऐसे मकान को नष्ट करता हैं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य द्वारा साधारणतः पूजा के स्थान के रूप में या मानव आवास के स्थान के रूप में या सम्पत्ति की अभिरक्षा के लिए किसी स्थान के रूप में उपयोग किया जाता हैं, वह आजीवन कारावास के साथ जुर्मानें से दण्डनीय होगा।
- लोक सेवक होत हुयें इस धारा के अधीन कोई अपराध करेगा, वह एक वर्ष से लेकर इस अपराध के लिए उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय होगा। अधिनियम की धारा 4 (कर्तव्यों की उपेक्षा के दंड) के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी/अधिकारी जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं हैं, अगर वह जानबूझ कर इस अधिनियम के पालन करनें में लापरवाही करता हैं तो वह दण्ड का भागी होता। उसे छः माह से एक साल तक की सजा दी जा सकती हैं।