बाल गंगाधर तिलक
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बाल गंगाधर तिलक का जीवन परिचय
बाल गंगाधर तिलक
- Born: 23 July 1856, Ratnagiri
- Died: 1 August 1920, Mumbai
- Nickname: Lokmanya Tilak
- Full name: Keshav Gangadhar Tilak
- Spouse: Satyabhamabai Tilak (m. 1871–1920)
- Education: Government Law College, Mumbai (1878–1879), Deccan College (1873–1877), Elphinstone College
- लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था।
- बाल गंगाधर तिलक का मूल नाम केशव गंगाधर टिळक था।
- लोकमान्य तिलक पेशे से वकील थे।
- वह एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
- गंगाधर तिलक ने कुछ समय तक स्कूल और कालेजों में गणित पढ़ाया था।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
- उन्हें “लोकमान्य” की आदरणीय उपाधि भी मिली, जिसका अर्थ है लोगों द्वारा स्वीकार किया जाना (उनके नायक के रूप में)।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय इन्होंने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ का नारा दिया।
- तिलक ने अंग्रेजी में दो दैनिक समाचार पत्र मे मराठा और मराठी में केसरी शुरू किए, जो जनता के बीच बहुत लोकप्रिय हुए।
बाल गंगाधर तिलक के विचार
केसरी में उनके लेख प्रकाशित होने के कारण उन्हें कई बार जेल भेजा गया।
बाल गंगाधर तिलक पूर्ण स्वतंत्रता या स्वराज्य (स्व-शासन) के सबसे प्रारंभिक एवं सबसे मुखर प्रस्तावकों में से एक है।
लाला लाजपत राय तथा बिपिन चंद्र पाल के साथ ये लाल-बाल-पाल की तिकड़ी (गरम दल/उग्रपंथी दल) का हिस्सा थे।
एक अंग्रेज़ी पत्रकार वेलेंटाइन चिरोल द्वारा लिखित पुस्तक ‘इंडियन अनरेस्ट’ में तिलक को ‘भारतीय अशांति का जनक’ कहा गया है।
लोकमान्य तिलक, वर्ष 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में शामिल हुए।
इन्होंने स्वदेशी आंदोलन का प्रचार किया तथा लोगों को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के लिये प्रोत्साहित किया।
1908 में लोकमान्य तिलक ने क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी और क्रांतिकारी खुदीराम बोस के बम हमले का समर्थन किया, जिसके कारण उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) में मांडले जेल भेज दिया गया।
तिलक ने अप्रैल 1916 में बेलगाम में अखिल भारतीय होम रूल लीग की स्थापना की।इसका कार्य क्षेत्र महाराष्ट्र (बॉम्बे को छोड़कर), मध्य प्रांत, कर्नाटक और बरार था।
होम रूल आन्दोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धी मिली, जिस कारण उन्हें “लोकमान्य” की उपाधि मिली थी।
राष्ट्रवादी संघर्ष में हिंदु-मुस्लिम एकता के लिये भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधित्व के तौर पर तिलक तथा अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की तरफ से मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ पैक्ट ( 1916) पर हस्ताक्षर किये।
इन्होंने मराठी भाषा में केसरी तथा अंग्रेज़ी भाषा में मराठा नामक समाचार पत्रों का प्रकाशन किया तथा वेदों पर ‘गीता रहस्य’ और ‘आर्कटिक होम’ नामक पुस्तकें लिखीं।
तिलक ने दक्कन शिक्षा सोसायटी (1884) की स्थापना की ताकि भारत में शिक्षा का स्तर सुधरे। इसके संस्थापक सदस्यों में गोपाल गणेश अगरकर और अन्य भी शामिल थे।
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी त्योहार को लोकप्रिय बनाया।
सम्राट छत्रपति शिवाजी की जयंती पर शिव जयंती मनाने का प्रस्ताव रखा।
हिंदू धर्म के लोगों को अत्याचार से लड़ने के लिये हिंदू धर्मग्रंथों के इस्तेमाल पर बल दिया।
इनकी मृत्यु 1 अगस्त, 1920 को हुई।
मरणोपरांत श्रद्धांजलि देते हुए गांधी जी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा और जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भारतीय क्रांति का जनक कहा।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जयंती
- समाज सुधारक, राष्ट्रीय नेता, भारतीय इतिहास, संस्कृत, हिन्दू धर्म, गणित और खगोल विज्ञान के विद्वान बाल गंगाधर तिलक। 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक ब्राह्मण परिवार में जन्में
- तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी।
बाल गंगाधर तिलक पुण्यतिथि
- इसके बाद एक अगस्त 1920 को बाल गंगाधर तिलक की मुंबई में मृत्यु हो गई
- और उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता
- और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें भारतीय क्रांति का जनक कहा था।
- महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 102वीं पुण्यतिथि है।
बाल गंगाधर तिलक के राजनीतिक गुरु कौन थे
बालगंगाधर तिलक दादाभाई नौरोजी को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
बाल गंगाधर तिलक के नारे
लोकमान्य तिलक वही महान शख्सियत हैं, जिन्होंने ‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा’ का नारा दिया था। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में इस नारे का काफी प्रचलन था
बाल गंगाधर तिलक पुस्तकें
तिलक ने यूँ तो अनेक पुस्तकें लिखीं किन्तु श्रीमद्भगवद्गीता की व्याख्या को लेकर मांडले जेल में लिखी गयी गीता-रहस्य सर्वोत्कृष्ट है जिसका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
बाल गंगाधर लिखी हुई सभी पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है
- ‘द ओरिओन’ (The Orion)
- द आर्कटिक होम ऑफ द वेदाज (The Arctic Home in the Vedas, (1903))
- श्रीमद्भगवद्गीता रहस्य (माण्डले जेल में)
- The Hindu philosophy of life, ethics and religion (१८८७ में प्रकाशित).
- Vedic Chronology & Vedang Jyotish (वेदों का काल और वेदांग ज्योतिष)
- टिळक पंचांग पद्धती (इसका कुछ स्थानों पर उपयोग होता है, विशेषतः कोकण, पश्चिम महाराष्ट्र आदि)
- श्यामजी कृष्ण वर्मा एवं अन्य को लिखे लोकमान्य तिलक के पत्र (एम. डी. विद्वांस यांनी संपादित)
- Selected documents of Lokamanya Bal Gangadhar Tilak, 1880-1920, (रवीन्द्र कुमार द्वारा संपादित)
उनकी समस्त पुस्तकें मराठी अँग्रेजी और हिन्दी में लोकमान्य तिलक मन्दिर, नारायण पैठ, पुणे से सर्वप्रथम प्रकाशित हुईं। बाद में उन्हें अन्य प्रकाशकों ने भी छापा।